महली में ज़मीन विवाद ने पकड़ा बवंडर! मकान ढहाया, मारपीट–धमकी… FIR दर्ज, राजस्व जांच में हुआ बड़ा खुलासा
कवर्धा। ज़िले के कुण्डा थाना क्षेत्र के ग्राम महली में ज़मीन व मकान निर्माण को लेकर उपजा विवाद अब बड़ा रूप ले चुका है। एक ओर जहां मकान निर्माण रोकने, दीवार गिराने और मारपीट का मामला थाने तक पहुंच गया है, वहीं दूसरी ओर राजस्व विभाग की जांच में भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
FIR में गंभीर आरोप — दीवार ढहाई, गाली–गलौच और मारपीट
ग्राम महली निवासी सरिता गंधर्व ने थाना कुण्डा में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि 3 दिसंबर 2025 की सुबह करीब 11 बजे बहुरा बाई गंधर्व, ज्योति गंधर्व और सुमन गंधर्व उसके मकान निर्माण स्थल पर आ धमके।
शिकायत में कहा गया है कि—
‘तुम लोग अपनी जमीन में मकान क्यों बना रहे हो’ कहते हुए गाली–गलौच की गई।
तीनों महिलाओं ने मिलकर निर्माणाधीन दीवार गिरा दी।
मना करने पर झुमाझटकी और हाथ थप्पड़ से मारपीट की गई।
परिवार के बीच–बचाव करने पर भी जान से मारने की धमकी दी गई।
आवेदिका के अनुसार दीवार तोड़ने से करीब 30,000 रुपए का नुकसान हुआ है। थाना प्रभारी ने मामला दर्ज कर जांच की शुरू कर दिया है ।
राजस्व जांच में बड़ा खुलासा-
विवादित जमीन सरकारी, आवेदिका का कब्जा नहीं
तहसील कार्यालय में प्रस्तुत आपत्ति व स्थगन आदेश पर सुनवाई के दौरान राजस्व विभाग ने मौके का पंचनामा तैयार किया।
जांच में सामने आया कि—
भूमि खसरा नंबर 748/2, रकबा 0.571 हेक्टेयर शासकीय आबादी भूमि है।
आवेदिका बहुरा बाई 30 वर्ष से महली में निवासरत भी नहीं, बल्कि परिवार सहित मुंगेली जिले के कोना गांव में रहती है।
विवादित भूमि पर अनावेदिका सरिता गंधर्व के पति प्रदीप गंधर्व का पुराने समय से कब्जा है।
लगभग 357.28 वर्गमीटर पर परिवार का पुराना कच्चा–पक्का मकान, शौचालय व आंगन निर्मित पाया गया।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 41.16 वर्गमीटर पर नया निर्माण भी प्रगति पर था, जिसे शिकायत के बाद रोक दिया गया।
जांच में यह भी पाया गया कि अनावेदिका द्वारा कोई अवैध निर्माण नहीं किया जा रहा था।
तहसीलदार ने दस्तावेजों व प्रतिवेदन के आधार पर आवेदिका की आपत्ति को अस्वीकार करते हुए प्रकरण खारिज कर दिया।
जमीन विवाद से उठा बवाल—गांव में तनाव, पुलिस और राजस्व दोनों की नजरें
एक तरफ झगड़ा, मारपीट और धमकी की FIR, दूसरी ओर राजस्व जांच का निष्कर्ष…
दोनों ही पक्ष आमने-सामने हैं।
इस विवाद ने गांव में तनाव का वातावरण बना दिया है।
पुलिस मामले में कानूनी कार्रवाई कर रही है, वहीं राजस्व विभाग ने अपने स्तर से प्रकरण नस्तीकृत कर दिया है।






