कबीर टेकरी सहसपुर में होगी कबीर वाणी की प्रवाह
दो दिवसीय भजन-सत्संग का शुभारंभ आज से – सत्संग में सीखाया जाएगा जीवन जीने की कला
सहसपुर लोहारा। सामाजिक कुरीतियों को दूर कर मानव जीवन की सार्थकता को स्थापित करने वाले महान संत कबीर साहेब की वाणी-वचनों का प्रवाह अब मैकाल पर्वत की गोद से होगा। सहसपुर लोहारा ब्लॉक के ग्राम सहसपुर स्थित कबीर टेकरी में आज से दो दिवसीय भजन-सत्संग कार्यक्रम “एक शाम कबीर टेकरी के नाम” का शुभारंभ होने जा रहा है। इस अवसर पर प्रदेश के ख्याति प्राप्त व्याख्याकारों एवं भजन गायकों-गायिकाओं की उपस्थिति रहेगी।
कबीर पंथ की परंपरा के अनुसार, संत कबीर साहेब चारों युगों में अपने विभिन्न रूपों में अवतरित हुए हैं। सतयुग में सतसुकृत नाम साहेब, त्रेतायुग में मुनिन्द्रनाम साहेब, द्वापर में करूणामय नाम साहेब, और कलियुग में कबीर साहेब के रूप में अवतार लेकर मानव समाज को सत्य और प्रेम का संदेश दिया।
मान्यता है कि द्वापर युग में करूणामय नाम साहेब अपने भ्रमण के दौरान छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के सहसपुर पहुंचे थे। उन्होंने यहाँ की टेकरी (पहाड़ी) पर सत्संग किया था और अपने चरण पादुका वहीं विराजित की थीं। तब से यह स्थान पवित्र तीर्थस्थल के रूप में विख्यात है, जहाँ प्रति वर्ष माघ पूर्णिमा को मेला एवं कार्तिक पूर्णिमा को भजन-सत्संग का आयोजन किया जाता है।
इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए मानिकपुरी नवयुवक समिति (स्थापना वर्ष 2021) द्वारा आयोजित “एक शाम कबीर टेकरी के नाम” कार्यक्रम इस वर्ष अपने पाँचवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।
🌼 कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ
04 नवंबर 2025 (पहला दिन)
दोपहर 12 बजे: भव्य शोभायात्रा से कार्यक्रम का शुभारंभ
शाम 5 बजे: संध्या आरती
शाम 6 बजे: समाज के ख्यातिप्राप्त एवं प्रतिभाशाली व्यक्तियों का सम्मान समारोह
इसके उपरांत देर रात तक भजन-सत्संग का आयोजन
05 नवंबर 2025 (दूसरा दिन)
सुबह 5 बजे: पूर्णिमा स्नान एवं खीर वितरण
सुबह 11 बजे: गुरु महिमा पाठ एवं आनंदी चौका आरती
दोपहर 2 बजे: भोजन प्रसाद वितरण
कार्यक्रम के आयोजकों का कहना है कि इस दो दिवसीय भजन-सत्संग के माध्यम से समाज में प्रेम, सद्भाव और मानवता के संदेश को फैलाने का प्रयास किया जाएगा।





