छत्तीसगढ़

जिले में अति हर्ष उल्लास के साथ आंबे भवानी की नवस्वरूप मूर्ति स्थापना कर भक्ति में डूबे जिलेवाशीय, नवदिन तक जगराता जस गीत में झूमेंगे,

जिले में अति हर्ष उल्लास के साथ आंबे भवानी की नवस्वरूप मूर्ति स्थापना कर भक्ति में डूबे जिलेवाशीय, नवदिन तक जगराता जस गीत में झूमेंगे,,

देश भर में आज माता जगत जननी आदि शक्ति आम्बे भवानी मां दुर्ग नवस्वरूप का स्थापना हुई जिसमे भारत हिंदू देश का संगठन बढ़ी ही हर्ष उल्लास के साथ माता भवानी की स्थापना की गई,

 वही छत्तीसगढ़ प्रदेश के कबीरधाम जिले में माता आंबे भवानी नवस्वरुप का अति ही हर्ष उल्लास के साथ वर्षो पुरानी धार्मिक परंपरा के अनुरूप स्थापना की गई ,

जिसमे हिंदू समाज के लोगो की चेहरे में खुशियां की बौछार तथा धूम धाम से मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित किया गया, हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की मां दुर्गा की पर्व मनाया जाता है, जिसमे नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है. वही मंदिर देवालो में मां शीतला ज्योत जलाने की भी परंपरा होती है, जिसमे हर मां शीतला आदि शक्ति आम्बे भवानी विराजित स्थान में ज्योति कलश की भी स्थापना कर 9 दिन तक पूजा अर्चना भक्ति भाव में श्रद्धालु डूबे रहते है,

मां दुर्गा की पूजा करने से सुख शांति

नवरात्रि के नौ दिनों में मां भगवती के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार, विधि विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है और परिवार के सदस्यों की उन्नति भी होती है

इन 9 देवियों की होगी पूजा

नवरात्र के नौ दिनों में प्रतिदिन एक शक्ति की पूजा का विधान है। सृष्टि की संचालिका कही जाने वाली आदिशक्ति की नौ कलाएं (विभूतियां) नवदुर्गा कहलाती हैं। ‘मार्कण्डेय पुराण’ में नवदुर्गा का

 शैलपुत्री, बह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री के रूप में उल्लेख मिलता है।

Related Articles

Back to top button

You cannot copy content of this page