बचेड़ी से सहसपुर मार्ग तथा बड़ौदा खुर्द से दैहानडीह मार्ग पूरी तरह जर्जर,ग्रामीण आश में ,कब होगी इन सड़कों की मरमत,आखिर प्रशासन कब देंगे ध्यान
सहसपुर लोहारा। बचेड़ी से सहसपुर जाने वाली सड़क की जर्जर हालत ने स्थानीय ग्रामीणों के जीवन को कठिन बना दिया है। ग्राम सहसपुर में रहने वाले लोगों को अब आवागमन में गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़क पर गड्डों की भरमार के कारण वाहन चालकों को न केवल यात्रा में देरी हो रही है, बल्कि सुरक्षा का भी खतरा मंडरा रहा है।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, “इस खस्ताहाल सड़क पर हर दिन निकलना मानो आत्महत्या के समान है। वाहन को संभालना मुश्किल हो जाता है, और अगर कोई दुर्घटना हो गई तो हेलमेट भी क्या काम आएगा।” ग्रामीणों ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि इस सड़क के कारण बच्चों को स्कूल जाने में भी मुश्किल हो रही है। “बच्चे रोज इस टूटे-फूटे मार्ग से स्कूल जाते हैं, जो उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है,” एक स्थानीय अभिभावक ने कहा।
इसके अलावा, दैहानडीह से बड़ौदा जाने वाली सड़क की हालत भी लंबे समय से खराब है, लेकिन सरकारी प्रतिनिधियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया है। ग्रामीणों ने शिकायत की है कि उनके मुद्दों को अनदेखा किया जा रहा है, जिससे उनकी दैनिक जीवनशैली प्रभावित हो रही है।
इस स्थिति को सुधारने के लिए ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द इन सड़कों की मरम्मत करवाई जाए। “हमारी जीवनरेखा बन चुकी इन सड़कों की मरम्मत न केवल हमारी दैनिक जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि हमारे बच्चों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी,” ग्रामीणों ने जोर देकर कहा।
स्कूली बच्चों की दर्द
इन दिनों इस बड़ौदा खुर्द से दैहानडीह जाने वाली मार्ग का हाल बेहाल है शासन कर्मचारी अपने में मस्त है,इस सड़क की मरम्मत तक भी नहीं कराया जा रहा जिनसे स्कूली बच्चे अपने पढ़ाई से वंचित होते नजर आ रहे है सड़क की हाल बेहाल से बरसात के दिनों में इतनी कीचड़ से लद जाते है जगह जगह गहरे गड्ढे बने हुए है जिनसे पानी पूरी तरह भर जाता है जिनसे बच्चे पढ़ाई करने भी स्कूल नहीं जा पाते जिनसे इनकी शिक्षा स्तर में भारी गिरावट भी बना हुआ है
राज्य में बनी हुई सत्ताधारी सरकार को भी इसकी अवगत कई बार करा चुके है किंतु आज तक इस मार्ग का निराकरण नहीं करा पाए,
आज कल की सडके सेल्फ सुसाइड से कम नहीं है,सरकारी अधिकारियों को अब समय रहते इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि ग्रामीणों की समस्याओं को दूर किया जा सके और उनके आवागमन को सुरक्षित एवं सुविधाजनक बनाया जा सके।