छत्तीसगढ़

प्राथमिक शाला लाखाटोला में मनाया गया छेर छेरा तिहार

प्राथमिक शाला लाखाटोला में मनाया गया छेर छेरा तिहार

सहसपुर लोहारा।  छत्तीसगढ़ का लोकपर्व छेरछेरा त्यौहार बहुत ही धूम–धाम से मनाया जाता है. छेरछेरा त्यौहार छत्तीसगढ़ में खेतो से धान काटने और पीटने तथा मिसाई कर धान घर में लाने की ख़ुशी में मनाई जाता है। इस त्यौहार के दिन सभी किसान भाइयो के घर में धान की नई फसल होने से धान की ढेरी लगी रहती है और बच्चे गाना गाते नाचते – बजाते घर – घर धान मांगते है . छेरछेरा त्यौहार हर साल पौष मास के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है ।
छेरछेरा त्यौहार के 15 दिन पहले से ही छेरछेरा मंगाने लगते है. इस छेरछेरा त्योहर के दिन सभी के घर शाकम्भारी देवी की पूजन विधि विधान से की जाती है ।
इसी तारतम्य में शासकीय प्राथमिक शाला लाखाटोला में राज्य शैक्षिक संस्थान रायपुर द्वारा शनिवार को बैगलेश डे पर शैक्षिक कैलेंडर जारी किया गया है। जिसके अंतर्गत छेर छेरा पर्व मनाया जाना था । साथ ही छत्तीसगढ़ की परम्परा एवं संस्कृति से भी बच्चों को अवगत कराया जाना है । हमारे विद्यालय लाखाटोला के द्वारा अन्न दान का परब छेर छेरा बहुत ही धूम धाम से मनाया गया ।
यह शैक्षिक गतिविधि में शामिल है । इस पर सभी माता पिता/पालकों का बैठक आयोजन कर इस गतिविधि से अवगत करवाया गया। जिसके तहत घर घर जाकर विद्यालय के लिए दान मांगने के लिए अनुमति प्रदान किए थे।
इस गतिविधि के माध्यम से जो बच्चे रोज विद्यालय नहीं आते है उनको प्रेरित करना ताकि इस गतिविधि के माध्यम से बच्चों का स्कूल से लगाव लगा रहे । बच्चे रोज स्कूल आए ।
साथ ही सभी पालकगण/ग्रामवासी से जुड़ना भी हमारा लक्ष्य था ताकि सभी हमारे विद्यालय में आए और बच्चों से संबंधित कोई भी समस्या हो तो विद्यालय आकर अवगत कराएंगे ।
बच्चों को छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परम्परा से अवगत कराना एवं छेर छेरा दान मांगने के साथ – साथ शैक्षिक गतिविधि कराना एवं इसी गतिविधि से पालकों से जुड़ना ये ज्यादा महत्वपूर्ण था । दान लेना महत्वपूर्ण नहीं था ।
माता -पिता /अभिभावक को विद्यालय के प्रति लगाव एवं जागरूकता पैदा करने के लिए विद्यालय को पालक से जोड़ना है । पालक विद्यालय में आकर नहीं जुड़ते बल्कि उनको जोड़ना पड़ता है । इस गतिविधि पर ग्रामवासियों के द्वारा बहुत ही अच्छा रुझान मिला , सभी ने सहयोग प्रदान किया ।
वर्तमान में सबसे बड़ी उपलब्धि ये है कि बैठक में माताओं की संख्या सबसे ज्यादा होती है और विद्यालय के प्रति लगाव बढ़ने लगा है ।
।।अन्न दान की परब छेरछेरा पर्व में हमारे विद्यालय के शिक्षिका श्रीमती ज्योति मंडावी , नीतू लता सोनी मेडम जी एवं शिक्षक श्री दानेश्वर तिवारी सर के सहयोग से सभी बच्चों के द्वारा गांव भ्रमण कर घर घर छेरछेरा नृत्य किया गया । जिसमें बच्चों के माता – पिता/ अभिभावक एवं ग्रामवासियों के द्वारा भरपूर दान किया ।
सभी ग्रामवासियों के सहयोग से हमारे विद्यालय को छेर छेरा नृत्य से 7 , 5 00 रुपए की दान राशि प्राप्त हुई है ।

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