साइबर पुलिस पोर्टल: ऑनलाइन ठगी से बचाव और पीड़ितों की मदद
भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा संचालित साइबर पुलिस पोर्टल (Citizen Financial Fraud Reporting Tool), आम नागरिकों को ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह पोर्टल, जिसे 2022 से शुरू किया गया, लोगों को ठगी की शिकायत दर्ज करने, ठगी गई राशि को तुरंत फ्रीज करने और अवैध लेनदेन को रोकने में मदद करता है।
कैसे काम करता है पोर्टल?
साइबर ठगी का शिकार होने पर, कोई भी व्यक्ति इन तरीकों से शिकायत दर्ज कर सकता है:
टोल-फ्री नंबर 1930 पर कॉल करके।
अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल में जाकर।
सीधे साइबर पुलिस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करके।
शिकायत दर्ज होते ही, पुलिस और बैंक मिलकर तुरंत कार्रवाई करते हैं ताकि ठगी गई राशि को जल्द से जल्द होल्ड किया जा सके।
कबीरधाम पुलिस का सराहनीय प्रयास
कबीरधाम पुलिस ने इस पोर्टल का प्रभावी उपयोग करके यह साबित कर दिया है कि ठगी गई रकम वापस पाना संभव है। उनके प्रयासों से 97 मामलों में पीड़ितों को लगभग 40 लाख रुपये वापस दिलवाए गए हैं। यह सफलता साइबर सेल की टीम की त्वरित कार्रवाई और बैंक अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय का नतीजा है।
इस उल्लेखनीय कार्य में निरीक्षक महेश प्रधान, सउनि चंद्रकांत तिवारी, और आरक्षक आकाश राजपूत, मनीष कुमार, शिवम् मण्डावी, अजय यादव, और उपेन्द्र सिंह का योगदान सराहनीय रहा है।
साइबर ठगी से बचाव के उपाय
संदिग्ध कॉल और लिंक से बचें: अज्ञात कॉल, ईमेल या लिंक पर कभी क्लिक न करें।
गोपनीय जानकारी साझा न करें: अपना ओटीपी, एटीएम पिन, पासवर्ड या सीवीवी किसी के साथ साझा न करें। याद रखें, कोई भी बैंक या सरकारी संस्था आपसे ऐसी जानकारी नहीं मांगती।
सुरक्षित खरीदारी करें: केवल भरोसेमंद और सुरक्षित वेबसाइटों या ऐप्स से ही ऑनलाइन खरीदारी करें।
पासवर्ड बदलते रहें: अपने बैंकिंग ऐप्स और खातों के पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें।
पब्लिक वाई-फाई का उपयोग न करें: सार्वजनिक वाई-फाई पर बैंकिंग या भुगतान करने से बचें।
सोशल मीडिया पर सावधान रहें: सोशल मीडिया पर अपनी वित्तीय जानकारी या बैंक स्टेटमेंट की तस्वीरें साझा न करें।
साइबर ठगी होने पर तुरंत क्या करें?
तुरंत रिपोर्ट करें: जैसे ही ठगी का पता चले, फौरन टोल-फ्री नंबर 1930 पर कॉल करें।
पुलिस में शिकायत करें: नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल में तुरंत रिपोर्ट दर्ज कराएं।
बैंक को सूचित करें: अपने बैंक या ई-वॉलेट सेवा प्रदाता को तुरंत सूचित करें ताकि लेनदेन को रोका जा सके।
पासवर्ड बदलें: अपने मोबाइल, ईमेल और बैंकिंग खातों के पासवर्ड तुरंत बदल लें।
जांच में सहयोग करें: पुलिस को पूरी जानकारी दें और जांच में पूरा सहयोग करें।
याद रखें, साइबर ठगी के मामलों में जितनी जल्दी आप शिकायत करेंगे, उतनी ही जल्दी आप की रकम वापस मिल सकती है।





