सामुदायिक पुलिसिंग के तहत कबीरधाम पुलिस के प्रयास: शिक्षा, प्रशिक्षण और खेल के माध्यम से युवाओं का भविष्य उज्ज्वल
कबीरधाम। पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेंद्र सिंह (IPS) के नेतृत्व में कबीरधाम जिले में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत युवाओं और बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों ने न केवल नक्सल प्रभावित इलाकों में शिक्षा और प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया है, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित किया है।
नक्सल प्रभावित और सुदूर वनांचल क्षेत्रों में कबीरधाम पुलिस द्वारा 9 अस्थाई प्राथमिक शालाएं और 5 कोचिंग सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। इन स्कूलों में बच्चों को निःशुल्क शिक्षा के साथ शैक्षणिक सामग्री प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, पुलिस विभाग द्वारा ओपन परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को फॉर्म भरवाने, किताबें वितरित करने और परीक्षा केंद्र तक निःशुल्क वाहन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक 500 से अधिक विद्यार्थी ओपन परीक्षा पास कर रोजगार प्राप्त कर चुके हैं।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर स्वामी करपात्री जी स्टेडियम में पुलिस और सेना भर्ती के लिए युवाओं को निःशुल्क फिजिकल ट्रेनिंग दी जा रही है। ये प्रशिक्षण सैकड़ों युवाओं को फिटनेस और मानसिक मजबूती के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के लिए तैयार कर रहे हैं। इस प्रयास के माध्यम से 1000 से अधिक युवा पुलिस, सेना और अन्य संस्थानों में सेवा दे रहे हैं।
हाल ही में पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेंद्र सिंह ने सुदूर वनांचल ग्राम सौरू और समनापुर का दौरा किया। यहां उन्होंने ग्रामवासियों को कंबल वितरित किए और विद्यार्थियों को शैक्षणिक सामग्री प्रदान की। इन पहलों ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों और युवाओं के बीच शिक्षा के महत्व को उजागर किया है।
– 9 अस्थाई स्कूल और 5 कोचिंग सेंटर संचालित।
– ओपन परीक्षा के लिए 250 विद्यार्थियों का फॉर्म भरवाने का लक्ष्य।
– निःशुल्क फिजिकल ट्रेनिंग और कोचिंग से युवाओं को आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का अवसर।
– अब तक 500 से अधिक युवा ओपन परीक्षा पास कर रोजगार प्राप्त कर चुके।
“कबीरधाम पुलिस का लक्ष्य शिक्षा और सामुदायिक सहयोग के माध्यम से समाज को सशक्त बनाना है। जब युवाओं को सही मार्गदर्शन और समर्थन मिलता है, तो वे अपने सपनों को साकार करने में सक्षम होते हैं।”
कबीरधाम पुलिस की सामुदायिक पुलिसिंग पहल ने न केवल युवाओं और बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाया है, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी सकारात्मक बदलाव लाए हैं। यह मॉडल अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणादायक है, जो समाज में शिक्षा और सहयोग के माध्यम से बदलाव लाने का संदेश देता है।