कवर्धाछत्तीसगढ़

8 मार्च को नेशनल लोक अदालत का होगा आयोजन

8 मार्च को नेशनल लोक अदालत का होगा आयोजन

 न्यायालय व प्रशासन की बैठक संपन्न

कवर्धा। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा), नई दिल्ली के निर्देशानुसार आगामी 8 मार्च 2025 को राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इसी क्रम में जिला न्यायालय में प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कबीरधाम की अध्यक्ष श्रीमती सत्यभामा अजय दुबे की अध्यक्षता में आवश्यक बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले के समस्त न्यायाधीशगण, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं संबंधित विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

बैठक में नेशनल लोक अदालत के प्रभावी संचालन और अधिकाधिक प्रकरणों के निराकरण को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें विशेष रूप से राजीनामा योग्य प्रकरणों को प्राथमिकता देने पर बल दिया गया। न्यायालय ने निर्देश दिए कि लोक अदालत में ऐसे मामलों को अधिक से अधिक संख्या में रखा जाए, जिनका सौहार्दपूर्ण समाधान संभव हो। साथ ही, मुकदमा पूर्व वाद (प्री-लिटिगेशन) मामलों को चिन्हांकित कर उनका भी निराकरण लोक अदालत के माध्यम से करने के निर्देश दिए गए। इस संबंध में 19 फरवरी 2025 को विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ एक अन्य बैठक निर्धारित की गई है, जिसमें विद्युत, दूरसंचार, बैंकिंग और अन्य विभागों से जुड़े लंबित मामलों पर चर्चा की जाएगी, ताकि विभागीय स्तर पर त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा सके।

नेशनल लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के राजीनामा योग्य प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। इनमें दाण्डिक शमनीय प्रकरण, चेक बाउंस (धारा 138) के मामले, बैंक रिकवरी (प्री-लिटिगेशन) प्रकरण, मोटरयान अधिनियम से जुड़े मुआवजा संबंधी मामले, मेन्टेनेन्स (धारा 125) प्रकरण, परिवार न्यायालय के प्रकरण, श्रमिक विवाद, भूमि एवं संपत्ति विवाद, विद्युत बिल, जलकर, सम्पत्ति कर, टेलीफोन बिल वसूली प्रकरण तथा राजस्व प्रकरणों को सम्मिलित किया गया है। लोक अदालत में विवादों का समाधान आपसी सहमति के आधार पर किया जाता है, जिससे पक्षकारों को लंबी न्यायिक प्रक्रिया से राहत मिलती है।

लोक अदालत में होने वाले समझौते अंतिम एवं बाध्यकारी होते हैं और इनमें किसी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क देय नहीं होता। इससे पक्षकारों का समय एवं धन दोनों की बचत होती है। न्यायालय द्वारा यह निर्देश दिए गए हैं कि आगामी लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए सभी संबंधित विभाग अपनी तैयारियाँ पूर्ण करें और अधिकाधिक प्रकरणों को चिन्हांकित कर उनका सौहार्दपूर्ण समाधान सुनिश्चित करें।

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