विद्युत विभाग के बाबू ने उपभोक्ता और अपने ही विभाग को लगाया चुना। अधिकारियों के संज्ञान में आने पर भी अधिकारी मौन।
कवर्धा/पिपरिया। आए दिन सुनने में आता है कि बिजली विभाग में कोई भी कार्य बिना पैसे के लेनदेन बगैर नहीं होता छोटे-छोटे कार्य के लिए उपभोक्ता और किसान बिजली ऑफिस के चक्कर लगाता रहता है बड़े कार्य जैसे गुड उद्योग व अन्य बड़े कनेक्शन के लिए मोटी रकम चुकानी पड़ती है पैसा ना देने पर अधिकारी प्रकरण में कुछ ना कुछ कमी बता फाइल को लटकाए रहते हैं ऐसा ही मामला 2017-18 में आया था जिसमें कवर्धा जिले के आला अधिकारियों पर बड़ी कार्यवाही की गई थी जिसका श्रेय जिले के वर्तमान विधायक गृह एवं उपमुख्यमंत्री माननीय विजय शर्मा को जाता है अब फिर से कवर्धा विद्युत विभाग भ्रष्टाचार के सागर में डूबता नजर आ रहा है वर्तमान मामला पिपरिया विद्युत विभाग का है जिसमें बाबू विनय कुमार द्वारा उपभोक्ताओं को फर्जी रसीद बनाकर मोटी रकम वसूल कर कंपनी वह उपभोक्ताओं को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है रशिद में बकायदा अपना हस्ताक्षर कर उपभोक्ताओं को दिया जाता है एवं पैसा विभाग में जमा न कर अपने व अपने सहयोगी अधिकारियों को देता है रसीद का पैसा विभाग के खजाने में जमा ना होने की शिकायत कवर्धा जिले के आला अधिकारियों से करने पर शिकायत के 10 दिन बाद भी कोई कार्यवाही नजर नहीं आ रही अलबत्ता शिकायत उपरांत भी विनय यादव जी पिपरिया में पदस्थ हैं जिससे आरोपी बाबू के संज्ञान में शिकायत की जानकारी होने पर साक्षी व सबूत से छेड़छाड़ का गंभीर मसला उत्पन्न हो गया है एवं जांच होने पर निष्पक्ष जांच होना संभव नहीं है एवं साक्ष की लीपापोती होने की पूर्ण संभावना है जो इस तरफ स्पष्ट इशारा कर रहे हैं कि उक्त प्रकरण में उच्च अधिकारियों के मिली भगत की प्रबल संभावना है एवं बाबू अधिकारियों के लिए वसूली का मोहरा बने हुए हैं अधिकारियों के निर्देशन में बाबू द्वारा वसूली कार्य किया जा रहा है इस बात को इस कारण भी बल मिलता है की वसूली के लिए विनय यादव अधिकारियों के पसंदीदा है क्योंकि कुछ महीने पूर्व विनय यादव जी का स्थानांतरण पिपरिया से अन्यत्र हो गया था किंतु कुछ दिन उपरांत ही आरोपी बाबू का स्थानांतरण फिर से पिपरिया हो गया जो इस बात को पुख्ता करते हैं की वसूली एजेंट बने यादव जी अधिकारियों के पसंदीदा है एवं अधिकारी आशा करते हैं कि यादव जी कंपनी को चूना लगाकर अपना एवं उनका धन भंडार भरते रहे जिस कारण उनको पिपरिया विद्युत कार्यालय भा गया है इसीलिए सरकारी खजाने से गबन का इतना बड़ा मामला उजागर करने पर भी उन पर अधिकारियों के आशीर्वाद से कोई कार्यवाही नहीं हो रही है|
ज्ञात हो कि 2017 में भ्रष्टाचार में डूबे कवर्धा जिले के अधिकारियों पर श्री विजय शर्मा के हस्तक्षेप से कार्रवाई हुई तब वह भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष थे वर्तमान में वह कवर्धा जिले के विधायक गृह मंत्री एवं राज्य के उपमुख्यमंत्री के पद पर विराजमान है देखने योग्य होगा कि उक्त मामले में मंत्री महोदय द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है|